जब अंधेरा घिरने लगा और रघु नहीं आया, तो बताना पड़ा कि रघु से दुना टूट गया! जब अंधेरा घिरने लगा और रघु नहीं आया, तो बताना पड़ा कि रघु से दुना टूट गया!
क्योंकि अशिक्षित व्यक्ति प्रतिस्पर्धा में खरगोश के समान सदैव लज्जित होते हैं। क्योंकि अशिक्षित व्यक्ति प्रतिस्पर्धा में खरगोश के समान सदैव लज्जित होते हैं।
रेत के घरौंदे जैसे भरभरा कर गिरते हुए महसूस हो रहे थे। रेत के घरौंदे जैसे भरभरा कर गिरते हुए महसूस हो रहे थे।
बता तुझ से क्या बात करूं ए चाँद क्या बात करूं ? बता तुझ से क्या बात करूं ए चाँद क्या बात करूं ?
और सुब्बू ने तो संदूक से टकराते ही अपनी जान गँवा दी थी। अब ना सुब्बू था ना उसकी रेत घड और सुब्बू ने तो संदूक से टकराते ही अपनी जान गँवा दी थी। अब ना सुब्बू था ना उस...
“वफ़ाई, मैं कोई साधू-संत नहीं हूँ कि तुम मेरे शरण में आ कर रहो।“ “वफ़ाई, मैं कोई साधू-संत नहीं हूँ कि तुम मेरे शरण में आ कर रहो।“